Sunday, February 27, 2011

अर्ज है...

न कर बंद अपनी आँखें ऐ दुनियावालों 
कुदरत ने कई बार तुझे ये सिखाया है
एक तू है, अपनी लालच में सब भूल कर
खुदा के अच्छाइयों को ही ललकारा है
खुदा भी मेहरबान हो जायेगा तुझ पर
दुनिया में जी लेगा खुलूस से तू अगर...

--- स्वरचित ---

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