Sunday, February 13, 2011

अर्ज है... (13th Feb 2011)

अर्ज है...

दर्द हर शक्स का बन चुका है नासूर ज़िन्दगी में
हर कोई बस पटी मलहम का बदलता जाता है
मुस्कुरा तो लेता है हर कोई दुनिया के वास्ते
दिल-ही-दिल मगर वो अकेले में रोता है...

--- स्वरचित ---

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