Thursday, October 15, 2020

अर्ज़ हैं...

अर्ज़ हैं...

हर किसी की चाहत तो मोहब्बत है मगर !

हर कोई नफरत ही कर बैठता है 'डी' मगर क्यों !!

~ ज़ानी डी ~

९ जुलाई २०२०