Friday, June 3, 2011

भीगें हैं नयना

काजल हैं तेरे बादल से घने
भीगें हैं ये नयना वर्षा तले
चमक तेरे आँखों की, बिजली सी है
बरस रहे हैं ये नयना, न जाने क्यों

है शीतल स्थिर सा, सब कुछ क्यों
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले
है ये कैसी सुकून मीठी, मेरे दिल तू बता
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले

बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले ...
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले ...


जोनी 'डी'
३ जून २०११ 


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