Wednesday, June 1, 2011

अर्ज है...

झिलमिलाता हुआ मुस्कान होटों पर
चाँद की चांदनी में 'डी' नज़र आये तुम
रात का सन्नाटा और वह पगडण्डी 
झील के शीतल जल पर चाँद का बिम्ब 
ज़िन्दगी कहाँ ले आई तू मुझे ये बता...

--- स्वरचित ---

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