Wednesday, March 9, 2011

जुगनू

नहीं है खौफ जुगनू को अंधकार से 
नहीं है, खौफ, जुगनू को अंधकार से
डरते तो ये दुनियावाले हैं...

जो जीते तो हैं उजाले में मगर 
जो जीते तो हैं, उजाले में मगर
इस उजाले का अंधकार...

है गहरा कितना, ये उन्हें मालूम ही नहीं

दफ़न न करना उस लौ की रौशनी को अपने दिल में 'डी'
इस जगमगाती दुनिया में चारो ओर अँधेरा ही अँधेरा है 


सवा सौ करोड़ जुगनू टिमटिमाने लगे साथ अगर 'डी'
सूरज भी शर्मा जायेगा, अंधकार डर कर छुप जायेगा


अँधेरी दुनिया ने न जाना कितना सुकून है प्रकाश में जीना
हम टिमटिमाते लौ ही सही, प्रकाश में जीना हमें प्यारा है 'डी'

--- स्वरचित ---

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