Monday, January 30, 2012

क्यों भगवान तूने ऐसी दुनियाँ बनाई...

गरीबी में दम बहुत घुटता है भाई
क्यों भगवान तूने ऐसी दुनियाँ बनाई...

गरीबों को देकर सोने का दिल
ज़िन्दगी तूने उनकी हर पल मिटाई

रोता नहीं कभी गरीबों की महफ़िल
गर देता था तू अमीरों को बड़ा दिल

गरीबी में दम बहुत घुटता है भाई
क्यों भगवान तूने ऐसी दुनियाँ बनाई...

गरीब तुम्हें तो करता सदा याद है
उनकी मुश्किल बढ़ाना तो आम बात है

करता है तिजोरी में बंद जो तुझे
उन्हीं का तू देता हर पल साथ है

गरीबों को तुम देते हो हर पल मौत
और देते हो हर पल अमीरों को सौग़ात    

गरीबी में दम बहुत घुटता है भाई
क्यों भगवान तूने ऐसी दुनियाँ बनाई...

हे भगवान ये कैसी है दुनियाँ तूने बनाई
जहाँ हर ओर है बस खाई ही खाई...

--- स्वरचित ---
२ ० - ० १ - २ ० १ २ 

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