Friday, July 1, 2011

ये आँसूं मेरे...

न समझ सकेगी ये दुनियाँ कभी इन आँसूंओ को 
हैं ये आँसू मेरे अपने, है दर्द भी मेरा ये अपना 'डी'

चाहत है तन्हाई की, वो भी मिलता नहीं है आजकल 
तन्हाई तन्हाई भी तो नहीं, आँसूं जो साथ है अब 'डी'

ये दर्द-ऐ-दिल की नहीं है दास्तान ऐ दुनियाँवालों
हकीकत देखकर रोता है मेरा ये असहाय दिल 'डी'

--- स्वरचित ---



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