अर्ज करता हूँ...
है ज़िन्दगी कितनी हसीन मगर
ऐ इंसान तुने इसे दोज़क बना दिया
खुदा को कोस मत अब तो
खुदा को, कोस मत अब तो
बदल कर रख सके तो
बदल कर, रख सके तो
अपने दिल को हसीन कर दे...
--- स्वरचित ---
है ज़िन्दगी कितनी हसीन मगर
ऐ इंसान तुने इसे दोज़क बना दिया
खुदा को कोस मत अब तो
खुदा को, कोस मत अब तो
बदल कर रख सके तो
बदल कर, रख सके तो
अपने दिल को हसीन कर दे...
--- स्वरचित ---
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