ऐ दिल...
हर चेहरे में तुम्हारा ही चेहरा नज़र क्यों आता है
ऐ दिल ये तो बता तू धड़कता है अब भी क्यों उनके लिए
उनको गए तो बरसो बीत गए हैं अब
हर धड़कन में मगर उनका ही नाम क्यों आता है
चेहरा उनके भोलेपन का आज भी बिलकुल वैसा ही है
तुझे ऐ दिल मगर कोई दूसरा नज़र क्यों नहीं आता है
मैं संभल भी जाऊ अगर ऐ दिल किसी तरह
एक तू है कि मुझे उसी मोड़ पर छोड़ आता है
--- स्वरचित ---
हर चेहरे में तुम्हारा ही चेहरा नज़र क्यों आता है
ऐ दिल ये तो बता तू धड़कता है अब भी क्यों उनके लिए
उनको गए तो बरसो बीत गए हैं अब
हर धड़कन में मगर उनका ही नाम क्यों आता है
चेहरा उनके भोलेपन का आज भी बिलकुल वैसा ही है
तुझे ऐ दिल मगर कोई दूसरा नज़र क्यों नहीं आता है
मैं संभल भी जाऊ अगर ऐ दिल किसी तरह
एक तू है कि मुझे उसी मोड़ पर छोड़ आता है
--- स्वरचित ---
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