आज मेरा परिचय भूख से पहली बार हुआ
इतना भयानक रूप...
मैंने पहले सिर्फ अख़बारों के पन्नो पर देखा था
छोटे-छोटे नन्ही कलियाँ...
जिन्हें खिल कर इस जहान को खूबसूरत बनाना था
भूख नरभक्षी बनकर...
निगल रही थी उन्हें बेहिसाब, बेदर्दी से
निसहाय माँ...
बेबसी में भेंट चढ़ा रही थी एक एक करके
पिता के आँखों में...
अश्रू के नाम पर सिर्फ दर्दनाक हकीकत बयान कर रही थी
इतनी बेबसी...
भूख से मेरा परिचय...
UPAASMAR - THE TASTE OF HUNGER ने कराया
एक सवाल पूरे जगवालो से कर रही है
अगर शेर बचाना ज़रूरी है...
क्या बलि नन्हे-मुन्ने बच्चों को भूख से मारना
इतना ज़रूरी बन गया इस जगवालों के लिए?
क्यों, मैं पूछता हूँ क्यों हम इतने निदर्यी बन गए हैं?
क्यों, हम जगमगाती दुनिया से निकल कर
भारत की हकीकत के बारे में बातें भी नहीं करते हैं?
क्यों हम इन ज़िन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं?
गरीब की दर्दनाक ज़िन्दगी...
इतना ज़रूरी बन गया इस जगवालों के लिए?
क्यों, मैं पूछता हूँ क्यों हम इतने निदर्यी बन गए हैं?
क्यों, हम जगमगाती दुनिया से निकल कर
भारत की हकीकत के बारे में बातें भी नहीं करते हैं?
क्यों हम इन ज़िन्दगी से खिलवाड़ कर रहे हैं?
गरीब की दर्दनाक ज़िन्दगी...
कब दो वक़्त की रोटी के मोहताज़ से बाहर निकलेगी?
--- स्वरचित ---
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