My World, My Emotions
All that erupts from my heart are on this page...
Wednesday, March 23, 2011
है कैसा ये भारत हमारा तुम्हारा...
गरीबों का रोज हो रहा है नरसंहार
नहीं है कोई चिंता किसी को यहाँ
सड़ रहा है अनाज करोड़ों का हर साल
गाँव में बच्चे भूख से मर रहे है हज़ार
है कैसा ये भारत हमारा तुम्हारा...
है कैसा ये भारत हमारा तुम्हारा...
--- स्वरचित ---
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