है ये कैसी मोहब्बत उनकी 'डी'
है ये कैसी, मोहब्बत उनकी 'डी'
दिल को बना डाला है दर्द का आशियाना
निगाहें उनकी ने चुरा ली हैं सारी नींदें 'डी'
निगाहें उनकी, ने चुरा ली हैं सारी नींदें 'डी'
रात को जागना अब आदत सी हो गयी है
कह भी तो नहीं सकता उनसे मैं अभी
कह भी तो, नहीं सकता उनसे मैं अभी
साथ रहने में कितना सुकून-ऐ-दर्द है
--- स्वरचित ---
No comments:
Post a Comment