खुदा लापता है क्यों?
ढूंढ रहा है हर शक्श इन्हें
जब से जहान आबाद हुआ
मिला भी अगर किसी से
खुद खुदा का बंद कहकर
इंसान ये मानने को तैयार नहीं हुआ,
खुदा है लापता ये सबको है पता
हर धर्म अपने ही ढंग से
खुदा का इबादत है करता
कोई नमाज़ अदा करके
तो कोई आरती करके
खुदा मगर बहरा तो नहीं
कि हर कोई बस यूँ ही शोर करता
बिकतें है इंसानों के बाजारों में
खुदा की तस्वीरें, पुतले और चीज़ें हज़ार
बदल गएं है इबादत का सलीखा
खुद खुदा के बनाये इस जहान में
लापता हो कर भी खुद खुदा
हर शक्श में है बसता
कोई माने या ना माने
खुदा है, ये सबको है पता
कैसा है खुदा, कौन है खुदा
नहीं पर कोई ये कह सकता
कोई भी चूकता नहीं मागने से
खुदा है कि सबको कुछ ना कुछ ज़रूर है देता
खुदा की खुदाई प्यार करने को है कहता
एक इंसान है कि खुदा की खुदाई पर ही झगड़ता
मर जाते है कई, मारे जाते है कई
हर वक़्त मगर खुदा ही बदनाम होता
खुदा अगर लापता नहीं होता
तो पता नहीं उनका अंजाम क्या होता?
--- स्वरचित ---
ढूंढ रहा है हर शक्श इन्हें
जब से जहान आबाद हुआ
मिला भी अगर किसी से
खुद खुदा का बंद कहकर
इंसान ये मानने को तैयार नहीं हुआ,
खुदा है लापता ये सबको है पता
हर धर्म अपने ही ढंग से
खुदा का इबादत है करता
कोई नमाज़ अदा करके
तो कोई आरती करके
खुदा मगर बहरा तो नहीं
कि हर कोई बस यूँ ही शोर करता
बिकतें है इंसानों के बाजारों में
खुदा की तस्वीरें, पुतले और चीज़ें हज़ार
बदल गएं है इबादत का सलीखा
खुद खुदा के बनाये इस जहान में
लापता हो कर भी खुद खुदा
हर शक्श में है बसता
कोई माने या ना माने
खुदा है, ये सबको है पता
कैसा है खुदा, कौन है खुदा
नहीं पर कोई ये कह सकता
कोई भी चूकता नहीं मागने से
खुदा है कि सबको कुछ ना कुछ ज़रूर है देता
खुदा की खुदाई प्यार करने को है कहता
एक इंसान है कि खुदा की खुदाई पर ही झगड़ता
मर जाते है कई, मारे जाते है कई
हर वक़्त मगर खुदा ही बदनाम होता
खुदा अगर लापता नहीं होता
तो पता नहीं उनका अंजाम क्या होता?
--- स्वरचित ---
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