काजल हैं तेरे बादल से घने
भीगें हैं ये नयना वर्षा तले
चमक तेरे आँखों की, बिजली सी है
बरस रहे हैं ये नयना, न जाने क्यों
है शीतल स्थिर सा, सब कुछ क्यों
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले
है ये कैसी सुकून मीठी, मेरे दिल तू बता
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले ...
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले ...
जोनी 'डी'
३ जून २०११
है ये कैसी सुकून मीठी, मेरे दिल तू बता
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले ...
बरस रहे जब ये नयना हैं वर्षा तले ...
जोनी 'डी'
३ जून २०११
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