दुनियाँ बनाई भी तूने, रचाई भी तूने
हर एक की डोरी भी तेरे ही हाथों में
फिर तूने ये दुनियाँ ऐसी क्यों बनाई...
जो करता है कुकर्म, उसे बना डाला धर्म का पुजारी
जो करता है तेरी भक्ति, उसे बना डाला तूने भिखारी
--- जॉनी 'डी' ---
३ १ - ० ३ - २ ० १ ३
हर एक की डोरी भी तेरे ही हाथों में
फिर तूने ये दुनियाँ ऐसी क्यों बनाई...
जो करता है कुकर्म, उसे बना डाला धर्म का पुजारी
जो करता है तेरी भक्ति, उसे बना डाला तूने भिखारी
--- जॉनी 'डी' ---
३ १ - ० ३ - २ ० १ ३
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