जब लाखों गरीबों के लूटते ये आबरू और इज्ज़त
ज़मीन गरीब किसानों का हड़पते बेहिसाब ये सब
किस कदर मासूम लोगों के लाशों के लगाते हैं ढ़ेर
तब थप्पड़ का दर्द नहीं महसूस होता है इन नेताओं को
गरीब कब तक यूँ ही शोषण सहता रहेगा?
गरीब कब तक अपने भूख से लड़ता रहेगा?
गरीब कब तक यूँ ही चुपचाप मरते रहेंगे?
गरीब कब तक सरकार का शिकार होते रहेंगे?
जवाब दो देश के भ्रष्ट नेताओं, जवाब दो?
आज गाल पर एक सवाल आम आदमी का है...
--- स्वरचित ---